इस कहानी के बाद, बोध घोड़ा अपने जीत के बाद सभी को अपनी जीत के बारे में बताता है। सभी लोग हेयरन होते हैं कि कैसे एक बूढ़ा घोड़ा एक रेस में जीत सकता है। बोध घोड़ा उन सभी को बटाता है कि वह जीत उस सफेद घोड़े की वजह से है जिसने उसे प्रेरित किया और उसे अपनी सीमाओं को पार करके रेस में भाग लिया। उसके बाद, सभी लोग बूढ़ाघोड़ा को अपनी प्रेरणा मानते हैं और अपनी सीमाएं को पार करके कुछ भी कर सकते हैं अगर वो कड़ी मेहनत करते हैं।
इस कहानी ने हमें सीखा है कि अगर हम अपनी लिमिटेशन को पार करते हैं, अपने सपनों को पीछा करते हैं, और हार्ड वर्क करते हैं तो हम कुछ भी कर सकते हैं। इस कहानी में बूढ़ा घोड़ा के किरदार ने हमें सीखा है कि उम्र, शारीरिक सीमाओं के अलावा कुछ भी हमारे आगे बढ़ने में रोक नहीं सकता है। हमारी सोच ही हमारी सबसे बड़ी सीमाएं होती हैं, अगर हम ये बदलते हैं तो हम कुछ भी कर सकते हैं।
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ताकि, हर कोई इन मजेदार शिक्षावर्धक कहानियों को पढ़ सके। हमारे आज के विषय बूढ़ा और सफेद घोड़ा की कहानी तो पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
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